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नमो उवज्झायाणं नमस्कार हो उपाध्यायों को। उपाध्याय महाराज कैसे हैं ? उपाध्याय जी, गणधर जी, स्थविर जी, बहुश्रुत जी, आप पढ़ें, औरों को पढ़ावें, ग्यारह अंग, बारह उपांग, चार मूल, चार छेद, बत्तीसवाँ आवश्यक सूत्र, ग्यारह अंग के नामआचारांग, सूयगडांग, ठाणांग, समवायांग, भगवती (विवाहपन्नति), ज्ञातृधर्मकथा, उपासकदशांग, अन्तगडदसा, अनुत्तरोववाईदसा, प्रश्नव्याकरण, विपाकसूत्र, बारह उपांग के नाम- उववाई, रायप्पसेणी, जीवाभिगम, पन्नवणा, जंबूदीवपन्नत्ति, चन्दपन्नति, सूरपन्नत्ति, निरयावलिया, कप्पवडंसिया, पुप्फिया, पुप्फचूलिया, वण्हिदसा,
श्रावक प्रतिक्रमण सूत्र
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