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________________ श्रावण, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक-इन चार महीनों में बरसात होती है, ये वर्षा ऋतु के महीने माने जाते हैं, चातुर्मास शब्द से इन्हीं चार महीनों की ओर संकेत किया गया है । वर्षा ऋतु के चार मास का महत्त्व श्रावण, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक-बरसात के इन चार महीनों का प्राणी जगत में तो महत्त्व है ही, जड़ जगत में भी बहुत महत्त्व है, इनकी अनिवार्य उपयोगिता है। वैशाख और ज्येष्ठ मास में सूर्य के प्रखर ताप से तपे हुए तवे की तरह पृथ्वी जलने लगती है, सिर पर चिलचिलाती धूप-आग की ज्वाला जैसी, गर्म-गर्म लू की लपटें चलती हैं । सदानीरा नदियों का जल सूख जाता है, वे पतली धारा बन जाती
SR No.006266
Book TitleChaturmas Aatmullas Ka Parv
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1990
Total Pages68
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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