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________________ था और ज्ञान पंचमी के दिन उसकी परिसमाप्ति हुई थी। ___ कार्तिक शुक्ला ५ के दिन जो महावीर वाणी को देवर्द्धिगणी ने संकलन किया, वही वाणी आज हमको अंग-आगमों के रूप में प्राप्त हैं । जिस प्रकार देवर्धिगणी ने महावीरवाणी को सुरक्षित किया उसी प्रकार हमारा कर्तव्य है कि हम ज्ञान के प्रचारप्रसार में सहयोग दें । इसी रूप में इस पर्व की महत्ता है । दिगम्बर परम्परा में यह पर्व श्रुत पंचमी के नाम से ज्येष्ठ शुक्ला ५ को मनाया जाता है । अंगों के ज्ञाता आचार्य धरसेन ने भूतबलि और पुष्पदंत को आगम सिद्धान्त का गहन ज्ञान प्रदान किया। दोनों मुनियों ने उस ज्ञान को ग्रहण करके ज्येष्ठ (५९)
SR No.006266
Book TitleChaturmas Aatmullas Ka Parv
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1990
Total Pages68
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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