________________
सयम-साधना, भौतिकता से विरक्ति और आत्मा में अनुरक्ति जगाना इसका लक्ष्य है।
पर्युषणकेसातदिवसोंको अलग-अलग प्रकार से व्रत, नियम,साधना आदि का आयोजन कर सामूहिक रूप में धर्म-जागरण करना चाहिए । संवत्सरी
प्रेम, मैत्री, सहिष्णुता, क्षमा का सन्देश लेकर आता है-संवत्सरी पर्व । यह पर्व भाद्रपद सुदी ५ को मनाया जाता है । आबाल वृद्ध सभी परस्पर खमत-खामणा करके आपसी वैर-विरोध को मिटाते हैं, क्रोध को उपशमित करते हैं।
आजकल विदेशों में जहां क्षमापना या विश्व मैत्री दिवस मनाया जाता है, जिसे देखकर विदेशी लोग इतने प्रभावित हुए हैं कि उनका कहना है-समूची मानव
(४३)