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________________ (५८) के जीव ने पूर्वभव में इसी प्रकार सुपात्र दान देकर विराट वैभव प्राप्त किया । अन्य सावधानियाँ : १. भोजन करते समय स्वच्छ हृदय और शांत मन रहना चाहिए । २. भोजन में उतावली करना उपयुक्त नहीं है । अच्छी तरह चबाकर खाने से भोजन जल्दी हजम होता है । अक्सर लोग दांतों का काम आंतों से लेने के आदी हो गये हैं । जल्दी-जल्दी खाना, बिना ठीक प्रकार चबाये खाना, इससे अन्न आंतों में जाकर देर तक सड़ता है, पचन होने में समय लगता है और खाने के बाद पेट तन जाता है, अफरा आ जाता है । ३. तीव्र क्रोध की अवस्था में, अथवा किसी से झगड़ा हो गया हो तो तत्काल भोजन नहीं करना चाहिए, क्योंकि ऐसी दशा में भोजन विष रूप बन जाता है । क्रोध, द्वेष, भय और चंचलता चारों ही भावनाएँ भोजन के समय न हों तो श्रेयस्कर है ।
SR No.006263
Book TitleAahar Aur Aarogya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1990
Total Pages68
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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