________________
में सहायक बनना। काल प्रत्येक क्रिया में भी निमित्त बनता है।
परत्व-अपरत्व का अभिप्राय है-आगे-पीछे, ज्येष्ठत्व-कनिष्ठत्व । इसी के आधार पर वस्तु को नई-पुरानी कहा जाता है। बड़े-छोटे, नये-पुराने आदि सभी व्यवहारों का आधार काल है।
विज्ञान पहले प्रत्येक वस्तु की तीन विमा (Dimensions) मानता था-(१) लम्बाई, (२) चौड़ाई और (३) मोटाई (length, breadth and thickness) किन्तु अब कुछ वर्षों से चौथी विमा (Dimension) काल (Time) को भी मानने लगा है, तभी Carbon dating प्रणाली आदि का आविष्कार हुआ जिसके आधार पर वैज्ञानिक ढंग से कोई वस्तु कितना पुरानी है, इसका समय निर्धारण संभव हो सका । आज पृथ्वी, ज्वालामुखी तथा अनेक लुप्तप्राय जीवों के अश्मों (अस्थि पिंजरों) की करोड़ों अरबों वर्ष पुरानी गणना की जाती है, उसका मुख्य आधार काल द्रव्य ही है ।
( २४ )