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________________ 58... शंका नवि चित्त धरिये ! प्रश्न- घर में बहने M.C. (अंतराय) होने पर किस प्रकार विवेक उपयोग रखें? समाधान- M.C. वाली बहनों की दृष्टि परमात्मा पर नहीं आनी चाहिए एवं परमात्मा की दृष्टि M.C. वाली बहन पर नहीं पड़नी चाहिए। बहनों को यदि वहाँ से जाना हो तो परमात्मा के आगे पर्दा या पार्टिशन करके जा सकती हैं। प्रश्न- गृह मंदिर की वर्षगाँठ (सालगिरह) कैसे मनानी चाहिए? समाधान- शिखरबद्ध, सामरण सहित या ध्वजायुक्त मंदिर होने पर श्री संघ मंदिर के समान ही पूजा आदि करवाकर ध्वजारोहण करना चाहिए। सामान्य घर मन्दिर हो तो शक्ति अनुसार आंगी,पूजा, प्रभावना आदि कर सकते हैं। शंका- गृह मंदिर और संघ मंदिर की आशातनाओं में कोई अंतर होता है? समाधान- मंदिर परमात्मा का स्थान है अत: चाहे घर मंदिर हो चाहे संघ मंदिर। दोनों जगह आशातनाएँ एवं दोष समान रूप से लगते हैं। गृह मंदिर की पूजा-सेवा भक्ति करते समय किसी प्रकार का सांसारिक कार्य नहीं करना चाहिए। परमात्मा को पर्दा करने के बाद या मंदिर मंगल करने के बाद सांसारिक कार्य कर सकते हैं।
SR No.006260
Book TitleShanka Navi Chitta Dharie-Shanka, Samadhan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages152
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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