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________________ क्रम तप नाम 60. 61. 62. 63. 64. 65. 66. 67. 8889 68. नवनवमिका भिक्षु प्रतिमा नव निधि नव ब्रह्मचर्य नन्दीश्वर नवपद (सिद्धचक्र) 1. अरिहंत पद 2. सिद्ध पद 3. आचार्य पद 4. उपाध्याय पद 5. साधु पद 6. ज्ञान पद 7. दर्शन पद 8. चारित्र पद 9. तप पद निगोद आयुक्षय निरुज शिखा निर्वाण दीप परम भूषण तप प्रारम्भ दिन शुभ दिन शुक्ला नवमी शुभ दिन अमावस्या आसोज शुक्ला सप्तमी शुभ दिन कृष्ण प्रतिपदा कार्तिक वदि चतुर्दशी शुभ दिन सा. 122 962 12 OLEN ~ 8∞ 36 25 27 67 70 50 खमा. कायो माला 12 9 9 12 12 12 9 9 12 2 8 8 8 7 12 25 20 222 222 222 222 20 36 36 25 27 27 20 67 67 20 51 51 20 70 70 20 50 50 20 12 12 20 20 20 20 222 20 20 20 करने योग्य तप क्रमशः एक से नौ दत्तियाँ उपवास नौ कवल का एकासना उपवास या आयम्बिल आयम्बिल (नौ ओली) क्रमश: उपवास, छट्ठ, अट्ठम, छट्ठ, उपवास करना । उपवास और आयम्बिल बेला आयम्बिल तप दिन 64 9 9 7 वर्ष में 52 दिन 41⁄2 वर्ष में 81 दिन 14/34 15 6 64/32 परिशिष्ट - III... 293
SR No.006259
Book TitleSajjan Tap Praveshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages376
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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