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________________ तप दिन 56/28 १. 3. | परिशिष्ट-III तप सारणी क्रम तप नाम तप प्रारम्भ दिन | सा. |खमा. | कायो. माला करने योग्य तप | 1. | अट्ठाईस लब्धि सामान्य शुभ दिन | 50 | 50 | 50 | 20 | एकान्त उपवास अथवा लगातार एकासना अम्बा ___ कोई भी कृष्ण पंचमी | 12 [ 12 ] 12 | 20 | एकासना | अष्टकर्मसूदन नवपद ओली, पयूषण पर्व | आठ दिन क्रमशः अथवा चातुर्मास के दिन 20 | उपवास, एकासना, एक 20 दाने का आयम्बिल, | एकलठाणा, एक दत्ति का 20 | एकलठाणा, नीवि, आयम्बिल, 20 | एवं आठ ग्रास का एकासना 20 | करें। 2 | 2 | 20 | इस प्रकार 8-8 दिन की | 5 | | 20 | आठ ओली होती है। 4. | अष्टकर्मोत्तर प्रकृति | सामान्य शुभ दिन अष्टकर्मसूदन तप के समान ही निरन्तर या एकान्तर उपवास प्रत्येक कर्म की उत्तर प्रकृतियों में| साथिया आदि करें। 5. | अष्टअष्टमिका भिक्षु शुभ दिन 12 | 12 | 12 | 20 दत्ति प्रतिमा 148/296 तप-विधि...286
SR No.006259
Book TitleSajjan Tap Praveshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages376
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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