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सज्जन की सौगात
आज आवश्यकता है
धर्म और विज्ञान एक साथ चले योग और योग की पारस्परिक निर्भरता बढ़े
प्राच्य विद्याओं के नवीन आयाम खुलें जिससे
पौराणिक विद्यार्थी लुप्त न हो सांस्कृतिक पहलू विस्मृत न हो
विकास की गति बाधित न हो इसी पथ पर एक प्रयास है
चिकित्सा पद्धति में मुद्राओं का सविधि प्रयोग आसन और प्राणायाम का हो नित्य उपयोग आयुर्वेद आदि शास्त्रीय विधियों का विज्ञान के साथ नव्य संयोग इन्हीं सत्प्रयासों के अधिवर्धनार्थ
स्क सम्यक दिशा...