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आधुनिक चिकित्सा में मुद्रा प्रयोग
क्यों, कब और कैसे? जैन विधि-विधानों का तुलनात्मक एवं
समीक्षात्मक अध्ययन विषय पर (डी. लिट् उपाधि हेतु स्वीकृत शोध प्रबन्ध)
खण्ड-21
णाणस
ससारमायारों
स्वप्न शिल्पी आगम मर्मज्ञा प्रवर्तिनी सज्जन श्रीजी म.सा. संयम श्रेष्ठा पूज्या शशिप्रभा श्रीजी म.सा.
मूर्त शिल्पी डॉ. साध्वी सौम्यगुणा श्री ACHARYA SPाविधि-प्रभा)... ": IANDIR
Koba, Gali s ting Cthone : (०मधमिल्यां216204-0
डॉ. सागरमल जैन