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148... यौगिक मुद्राएँ : मानसिक शान्ति का एक सफल प्रयोग
इस स्थिति में जितनी देर रुक सकते हैं रुकें। श्वास- प्रश्वास लेते रहें। यह पद्मासन की पूर्ण विधि है।
सिद्धासन- सिद्धि प्राप्ति में सहायक आसन सिद्धासन कहलाता है।
इस आसन में स्थिर होने के लिए प्रथम सुखासन में बैठ जायें। फिर बाएँ पैर के तलवे को दाहिनी जाँघ से सटाकर ऐसे लगाएँ ताकि एड़ी आपके गुदा
और अंडकोश के बीच भाग को छू सकें। दाहिने पैर के पंजे को जननेन्द्रिय और वस्ति की हड्डी के मध्य दबाव डालते हुए रखें। दाहिने पैर की अंगुलियों को बायीं पिंडली और जांघ के बीच फसाएँ।
सिद्धासन घुटने जमीन को छूते हुए रहें, मेरूदण्ड सीधा रहें, दोनों हाथ ज्ञानमुद्रा में घुटनों पर स्थिर रहें।
सुखासन- वह आसन जिसमें सुखपूर्वक बैठा जा सकें अथवा जिस आसन में बैठने पर तन-मन को सुख की अनुभूति हो, सुखासन कहलाता है।
अत्यन्त सहजता पूर्वक पालथी मारकर, दोनों हाथों को गोद में या घुटनों