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336... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन 31. धर्म प्रवर्तन मुद्रा
यह मुद्रा जापानी बौद्ध परम्परा में अधिक प्रचलित है। उस देश के श्रद्धालु वर्ग गर्भधातु मण्डल, होम आदि क्रियाओं में इस मुद्रा का सविधि प्रयोग करते हैं। यह नाम के अभिरूप धर्मचक्र से संबंधित और नियमों को गति देने की सूचक है।
विधि
धर्म प्रवर्तन मुद्रा हथेलियों को मध्य भाग में रखें, अंगूठों को ऊपर उठाते हुए बाह्य किनारियों से मिलायें तथा अंगुलियों को मोड़ते हुए अपने प्रतिपक्ष के अग्रभागों का स्पर्श करवायें, इस भाँति धर्म प्रवर्त्तन मुद्रा बनती है। सुपरिणाम
• इस मुद्रा का प्रयोग अग्नि तत्त्व का नियमन करता है। इससे मस्तिष्क, सूर्य केन्द्र एवं प्रजनन सम्बन्धी रोगों का निदान होता है।
• मणिपुर चक्र को जागृत कर यह मुद्रा मधुमेह, कब्ज, अपच, गैस एवं पाचन तंत्र को सुचारू करती है। इससे आन्तरिक शक्ति का वर्धन करती है।
• तैजस केन्द्र को प्रभावित कर यह मुद्रा शरीर, मन और भावनाओं को स्वस्थ रखती है तथा शक्ति का संचय एवं वृत्तियों को शान्त करती है।