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गर्भधातु-वज्रधातु मण्डल सम्बन्धी मुद्राओं की विधियाँ ...313 12. बु-बोसत्सु-इन् मुद्रा ____ भारत में इस मुद्रा को नृत्य मुद्रा या बोधिसत्त्व नृत्य मुद्रा कहते हैं। यह तान्त्रिक मुद्रा पूर्ववत जापानी बौद्ध परम्परा में श्रद्धालुओं द्वारा धारण की जाती है तथा इसे वज्रधातु मण्डल, होम एवं अन्य धार्मिक क्रियाओं के समय करते हैं। यह नृत्य पूजा की सूचक है। विधि ____ हथेलियों को शरीर की तरफ रखें, अनामिका और अंगूठों को हथेली की
ओर मोड़ते हुए उनके अग्रभागों को मिलायें, शेष अंगुलियों को ऊर्ध्व प्रसरित करें तथा दोनों हाथों में थोड़ी दूरी रखने पर 'बु-बोसत्सु-इन्' मुद्रा कहलाती है।12
बु-बोसन्सु-इन् मुद्रा सुपरिणाम
• अग्नि एवं पृथ्वी तत्त्व का संतुलन कर यह मुद्रा शरीर को बलिष्ठ, शक्तिशाली, कान्तियुक्त, स्फूर्तिमय एवं तेजस्वी बनाती है तथा क्रोध, उग्रता, प्रमाद आदि को दूर करती है।