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जापानी बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक स्वरूप ...245
रत्नघट मुद्रा
आकाश तत्त्व का नियमन करती है। • शक्ति एवं आनंद केन्द्र को प्रभावित करते हुए यह मुद्रा काम वासनाओं का दमन करते हुए ऊर्जा का ऊर्ध्वारोहण, विधेयात्मक कार्यों में शक्ति का प्रयोग तथा भावों को निर्मल एवं परिष्कृत करती है। 55. रत्नप्रभा आकाश गर्भ मुद्रा __. यह तान्त्रिक मुद्रा रत्नप्रभा आकाशगर्भ नामक देव से सम्बन्धित है अतः उस देवता विशेष के संदर्भ में धारण की जाती है। शेष वर्णन पूर्ववत। विधि
दोनों हथेलियों को अत्यन्त समीप कर मध्य भाग में रखें, दायाँ अंगूठा बायें पर क्रॉस करता हुआ रहे, तर्जनी और मध्यमा ऊपर उठी हुई, हल्की सी मुड़ी हुई एवं अग्रभागों का स्पर्श करती हुई रहें तथा अनामिका और कनिष्ठिका बाहर की तरफ अन्तर्ग्रथित रहने पर रत्नप्रभा आकाशगर्भ मुद्रा बनती है।63