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234... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन
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कोंगी- केन्- इन् मुद्रा-2
के तापमान नियंत्रण और शक्ति उत्पादन में सहायक बनती है। • एक्युप्रेशर विशेषज्ञों के अनुसार शरीर में स्थित विजातीय द्रव्यों को दूर करती है। हिचकी, स्नायुओं की ऐंठन, सुस्ती आदि को दूर करती है।
48. नैबकु - केन्-इन् मुद्रा
यह मुद्रा भिन्न-भिन्न तीन स्थितियों में देखी जाती है और वे तीनों ही प्रकार जापानी बौद्ध परम्परा में प्रचलित हैं। प्रथम प्रकार चन्द्र का सूचक है, दूसरा गर्भधातुमण्डल आदि धार्मिक क्रियाओं एवं अठारह कर्त्तव्यों से सम्बन्धित है तथा आह्वान का सूचक है और तीसरा सामान्य है।
प्रथम विधि
हथेलियाँ एक-दूसरे की तरफ अभिमुख तथा अंगुलियाँ और अंगूठे हथेली के अन्दर की तरफ अन्तर्ग्रथित होने पर नैबकु - केन् - इन् मुद्रा का प्रथम प्रकार बनता है। 53