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198... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन 19. अन्जन्-इन् मुद्रा
इस मुद्रा के अनेक नाम हैं। इसे जापान में अन्जन्-इन् मुद्रा और सोकुचिइन् मुद्रा, चीन में अन-शन्-यिन् और चयु-टि-यिन् मुद्रा, भारत में भूमिस्पर्श, भास्पर्श, मारवी जयइ मुद्रा, थायलैण्ड में मान्विछइ, पेंग मारवी चइ, सदुंग-मेन आदि कहते हैं।
यह तान्त्रिक मुद्रा जापानी और चीनी बौद्ध परम्परा में अधिक प्रचलित है। वहाँ के भक्तों एवं पुजारियों द्वारा यह दिखायी जाती है। यह सोकुची-इन् मुद्रा का एक प्रकारान्तर है। विद्वज्ञों के अनुसार यह धरती पर प्रभुत्व और शैतानों के विनाश की सूचक है। वस्तुत: यह मुद्रा भगवान बुद्ध के द्वारा भूमि को साक्षी के रूप में रखने के प्रयोजन से की गई थी।
विधि
अन्जन-इन् मुद्रा ___ दायीं हथेली को अधोमुख करते हुए अंगुलियों को भूमि से समानान्तर आगे की ओर फैलायें। बायें हाथ को कमर के स्तर पर धारण करते हुए हथेली को ध्यान मुद्रा के समान ऊर्ध्वाभिमुख करें, तब अन्जन्-इन् मुद्रा कहलाती है।21