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म-म-मडोस सम्बन्धी मुद्राओं का प्रयोग कब और क्यों? ...173
खान अवलोकिते मुद्रा
शमन करती है। • स्वाधिष्ठान एवं आज्ञा चक्र को जागृत कर यह आध्यात्मिक एवं शारीरिक ऊर्ध्वता, बौद्धिक कुशाग्रता, शांत स्वभाव आदि गुणों का विकास करती है। • स्वास्थ्य केन्द्र एवं ज्योति केन्द्र को सक्रिय करते हुए यह मुद्रा कषायों को नियन्त्रित, काम-वासना को शमित एवं निर्णयात्मक शक्ति को विकसित करती है। 6. समन्त बुद्धनम् मुद्रा ___ यह तान्त्रिक मुद्रा ‘म-म मडोस्' सम्बन्धी मुद्राओं में से छठवीं मुद्रा है। यह मुद्रा सम्पूर्ण अन्तरिक्ष के महासत्ता की सूचक है। इसके अतिरिक्त सफेद टोरमा चढ़ाने एवं धागे के क्रास को प्रदर्शित करने की भी सूचक है। यह मुद्रा वज्रायना देवी तारा की आराधना निमित्त की जाती है। ___मुद्रा मन्त्र यह है- 'नमः समन्त बुद्धनम् गृहेश्वरा प्रभा-ज्योतेना मह समये स्वाहा।'