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158... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन
4. हरनम गस्सहौ मुद्रा
भारत में यह मुद्रा 'प्रणाम मुद्रा' के नाम से कही जाती है। मुख्यतया जापानी बौद्ध परम्परा में यह अधिक प्रचलित है। यह पूर्ववत बारह द्रव्य हाथ मिलन में से एक है।
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हरनम गस्सही मुद्रा
विधि
दोनों हाथों की अंगुलियों को प्रथम पोर से अन्तर्ग्रथित करें और बायें अंगूठे को दायें अंगूठे के नीचे रखने पर हरनम - गस्सहौ मुद्रा बनती है। 4 सुपरिणाम
• इस मुद्रा के प्रयोग से वायु एवं चेतन तत्त्व प्रभावित होता है। इससे चेतना शक्ति विकसित एवं अन्तर अभिमुख होती है । • अनाहत एवं सहस्रार चक्र को जागृत करने में यह मुद्रा परम सहायक है। इससे हृदय में प्रेम, करुणा, सेवा, सहानुभूति आदि भावों का विकास होता है । • थायमस एवं पिनियल ग्रंथियों के स्राव को संतुलित कर यह काम इच्छाओं को नियंत्रित, निर्णायक बुद्धि एवं शक्ति