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156... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन
बोद गस्साठी मुद्रा
है। • इस मुद्रा के प्रयोग से अनाहत एवं सहस्रार चक्र जागृत होते हैं जिससे मानसिक अनिश्चयात्मक स्थिति, ईहा-अपोह, शंका-कुशंका आदि का शमन होता है। • थायमस एवं पिनियल ग्रंथि के स्राव को संतुलित करते हुए यह मुद्रा निर्णयात्मक शक्ति का विकास, पोटेशियम, सोडियम, जल आदि का संतुलन करती है। 3. फुकुशु गस्सही मुद्रा ___ जापान में इस मुद्रा के ‘जुनी गोशो', 'जुनी गास्सहो' नाम भी प्रसिद्ध हैं। यह जापानी मुद्रा बौद्ध परम्परा में धर्मगुरुओं एवं श्रद्धालुओं द्वारा धारण की जाती है। पूर्ववत बारह द्रव्य हाथ मिलन में से यह एक है। यह मुद्रा दर्शाये चित्र के अनुसार ढकने के लिए मिलाये हाथों को सूचित करती है।