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अठारह कर्त्तव्य सम्बन्धी मुद्राओं का सविधि विश्लेषण... ... 147
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पुष्पमाला मुद्रा
मुद्रा विशेष बल प्रदान करती है। डायबिटीज, कब्ज, अपच, गैस, पाचन विकृति से सम्बन्धी रोगों में लाभ देती है। • तैजस एवं विशुद्धि केन्द्र को प्रभावित कर जीवन विकास की क्षमता को तीव्र, चित्त को निर्मल एवं तेजस्वी बनाती है। साथ ही स्वर को मधुर, सुरीला एवं व्यक्ति को तनाव से मुक्त करती है।
7. रत्न वाहन मुद्रा
यह तान्त्रिक मुद्रा अठारह महाकर्त्तव्यों के अवसर पर की जाती है। इस मुद्रा को जापानी बौद्ध धर्म के श्रद्धालुगण स्वीकार करते हैं। यह संयुक्त मुद्रा किसी देवता के सत्कार-स्वागत की सूचक मुद्रा है। इसकी विधि निम्न हैविधि
दोनों हथेलियों को एक साथ मध्य भाग में रखें, हथेलियों और अंगूठों की बाह्य किनारियों को मिलायें, तर्जनी, अनामिका और कनिष्ठिका को किंचित घुमाते हुए उनके अग्रभागों का परस्पर स्पर्श करवायें तथा मध्यमा को तीसरे