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58... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन
पेंग्-उम भत्र मुद्रा
सुपरिणाम
• यह मुद्रा शरीरगत वायु एवं आकाश तत्त्व को संतुलित करती है। इससे क्रोधादि कषायों का शमन, दुःख - चिंता आदि का निरोध, प्राण वायु का स्थिरीकरण तथा वायु एवं हृदय सम्बन्धी रोगों का निवारण होता है। • इस मुद्रा से अनाहत एवं विशुद्धि चक्र पर प्रभाव पड़ता है। इससे शरीर तापमान, कैल्शियम संतुलन, शक्ति उत्पादन तथा ज्ञान तंतुओं का जागरण होता है। निर्मल भावधारा एवं आत्मिक शक्ति की उपलब्धि होती है। • इस मुद्रा का प्रभाव थायमस, थायरॉइड एवं पेराथायरॉइड ग्रंथियों पर पड़ता है। यह बालकों में सुस्ती, जड़ता, प्रमाद आदि को दूर कर activeness फुर्तिलापन एवं जोश पैदा करती है। इसी के साथ सद्भाव, प्रेम, उच्च विचार, एकाग्रता आदि अनेक गुणों का विकास करती है।