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সততনে লন কী ভান त्याग के अनुराग से करते आतम मंथन जिन शासन की बगिया के जो हैं महकता चंदन । अष्टप्रवचन माता से करते चित्त का रंजन
सुर नर किवर छत्रपति मिल करते उनको वंदन ।। जिसकी ऊंचाईयों को नापना और गहराई को धापना दुःसाध्य है। जिसकी महिमा को तोलना और शब्दों में बोलना दुष्कर है। जिसका असिधारा पथ मुक्ति वरण का Green signal है जिसकी कठिन साधना महापापी को करती निर्मल है।
सेसे संयम धर्म के प्रति,
___ जगे टोम-रोम में बहुमान सम्पूर्ण विश्व को हो
कठिन श्रमणाचार की पहचान संयम पालन में सहयोगी
बन करे आत्म कल्याण विस्फोटक युग में हो
संयम युग का निर्माण इसी निर्मल भावना के साथ...