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318... हिन्दू मुद्राओं की उपयोगिता चिकित्सा एवं साधना के संदर्भ में अधोमुखम् मुद्रा, कूर्म मुद्रा, अहायवरद मुद्रा, बुद्धाश्रमण मुद्रा, नमस्कार मुद्रा - 11
• गाली देना, चिल्लाना, बेहोशी, अनुत्साह, निष्ठुरता, आत्म-सम्मान की कमी, प्रेम स्नेह की कमी
अंचित मुद्रा, अर्चित मुद्रा, चिन् मुद्रा, गदा मुद्रा, कपित्थ मुद्रा, मुकुल मुद्रा, पद्म मुद्रा, व्याख्यान मुद्रा, मुदा मुद्रा, काम मुद्रा, अभय मुद्रा, कापाली मुद्रा, व्यापकांजलि मुद्रा, यमपाश मुद्रा, ग्रथित मुद्रा, कर्त्तरीहस्त मुद्रा, नेत्र मुद्रा - 1, त्रिपिटिक मुद्रा - 2, वंदना मुद्रा |
• व्यवहार में अकुशलता, भावनाओं में रूकावट, आन्तरिक चिन्ता, अनुशासन हीनता, आत्महीनता, घबराहट, निष्क्रियता, अहंकार, भाषा सम्बन्धी समस्या
तत्त्व मुद्रा, विस्मयवितर्क मुद्रा, गालिनी मुद्रा, परशु मुद्रा, द्विमुख मुद्रा, सन्मुखोन्मुख मुद्रा, मुष्टिक मुद्रा, वराह मुद्रा, सिंहक्रान्त मुद्रा, चपेटदान मुद्रा, मयूर मुद्रा, स्वकुचग्रह मुद्रा, स्वस्तिक मुद्रा - 3, तर्जनी मुद्रा-2, उरूसंस्थित मुद्रा ।
• उन्मत्तता, मृत्युभय, निराशा, आनंद की कमी, अनुत्साह
चतुरहस्त मुद्रा, गजहस्त मुद्रा, हस्तस्वस्तिक मुद्रा, विघ्नमुद्रा, विष्वक्सेन मुद्रा, त्रिशूल मुद्रा, अंजलि मुद्रा, कटक मुद्रा- 1, सूची मुद्रा - 1, सांजलि मुद्रा । आध्यात्मिक रोगों के निदान में प्रभावी मुद्राएँ
क्रोध, मान, माया, लोभ, वाचालता, ईर्ष्या, प्रमाद
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अर्चित मुद्रा, चन्द्रकला मुद्रा, चतुर मुद्रा - 1, दण्ड मुद्रा, गदा मुद्रा, कटिग मुद्रा, कूर्पर मुद्रा - 1, प्रवर्तित हस्त मुद्रा, पुष्पपुट मुद्रा, वज्रपताका मुद्रा, अवगुण्ठनी मुद्रा, पुस्तक मद्रा, डमरूक मुद्रा, वितत मुद्रा, चतुर्मुखम् मुद्रा, प्रलम्ब मुद्रा, मुद्गर मुद्रा, अभिषेक मुद्रा, डमरूहस्त मुद्रा, पद्महस्त मुद्रा, वरद मुद्रा ।