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304... हिन्दू मुद्राओं की उपयोगिता चिकित्सा एवं साधना के संदर्भ में विधि ___ बायीं हथेली को आगे की तरफ करते हुए अंगुलियों एवं अंगूठे को नीचे की ओर प्रसरित करना वरद मुद्रा है।40 लाभ
चक्र- मूलाधार एवं अनाहत चक्र तत्त्व- अग्नि एवं वायु तत्त्व प्रन्थिप्रजनन एवं थायमस ग्रन्थि केन्द्र- शक्ति एवं आनंद केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- मेरूदण्ड, गुर्दे, पैर, हृदय, फेफड़ें, भुजाएँ, रक्त संचरण तंत्र। 27. कूर्म मुद्रा
यह तान्त्रिक मुद्रा हिन्दू एवं बौद्ध दोनों परम्पराओं में भक्त और धर्म गुरूओं के द्वारा धारण की जाती है। .
यह जिन्दगी के श्वासों के नियंत्रण की सूचक है। यह मुद्रा एक हाथ से की जाती है और कटक मुद्रा के समान है।
कूर्म मुद्रा