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पूजोपासना आदि में प्रचलित मुद्राओं की प्रयोग विधियाँ ...265
विष्णु के पूजन में प्रयुक्त होने वाली मुद्राएँ विष्णु पूजन की 19 मुद्रायें कही गई हैं। इन मुद्राओं का प्रयोग विष्णु पूजन में किया जाता है। उनके नाम निम्नानुसार हैं- 1. शंख मुद्रा 2. चक्र मुद्रा 3. गदा मुद्रा 4. पद्म मुद्रा 5. वेणु मुद्रा 6. श्रीवत्स मुद्रा 7. कौस्तुभ मुद्रा 8. वनमाला मुद्रा 9. ज्ञान मुद्रा 10. बिल्व मुद्रा 11. गरुड़ मुद्रा 12. नारसिंही मुद्रा 13. वाराही मुद्रा 14. हयग्रैवी मुद्रा 15. धनु मुद्रा 16. वाण मुद्रा 17. परशु मुद्रा 18. त्रैलोक्यमोहिनी मुद्रा 19. काम मुद्रा।16
शारदातिलकतन्त्र की राघवभट्टीय टीका में उपर्युक्त प्राय: सभी मुद्राओं के नाम मिलते हैं लेकिन मुद्रा बनाने के प्रकारों में मतान्तर हैं अत: इनका नाम निर्देश ही औचित्यपूर्ण होगा।
शिव के पूजन में प्रयुक्त होने वाली मुद्राएँ हिन्दू ग्रन्थों में भगवान शिव की 10 मुद्राएँ वर्णित हैं, जिनके नाम इस प्रकार हैं
1. लिंग मुद्रा 2. योनि मुद्रा 3. त्रिशूल मुद्रा 4. अक्षमाला मुद्रा 5. वर मुद्रा 6. अभय मुद्रा 7. मृगी मुद्रा 8. खट्वांग मुद्रा 9. कापालिकी मुद्रा 10. डमरूक मुद्रा।17
__ ऊपर वर्णित मुद्राओं का उल्लेख भी ‘तान्त्रिक मुद्रा-विज्ञान' के आधार पर किया है। शंकराचार्य विरचित प्रपंचसार-सारसंग्रह में कथित 54 मुद्राओं में उक्त 10 मुद्रा नामों का भी उल्लेख है, किन्तु प्रयोग विधि के सम्बन्ध में प्राय: भिन्नता है। इसलिए इन मुद्राओं का भी नाम निर्देश ही किया गया है।
भारतीय संस्कृति ने जीवन में व्यवहारिक कर्त्तव्य एवं दक्षता को जितनी प्रमुखता दी है उतना ही महत्त्व नित्य आराधना और नियमपालन को दिया है। दोनों ही क्रियाएँ एक दूसरे के समपूरक बनकर कार्य करती है। व्यवहारिक कर्तव्यों के प्रति सजगता आन्तरिक कषाय एवं मलिनता को दूर रखती है वही पूजा-उपासना में दृढ़ता एवं समर्पण सहज रूप में बाह्य विकास में सहयोगी बनता है। इस अध्याय में वर्णित नित्य उपयोगी पूजा-उपासना की मुद्राएँ बाह्य एवं आभ्यंतर विकास में सहयोगी बने यही इस अध्याय का सार है।