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पूजोपासना आदि में प्रचलित मुद्राओं की प्रयोग विधियाँ ...261 9. जप मुद्रा
माला को मध्यमा के मध्य पर्व पर रखकर अंगूठे के अग्रभाग से मणियों को चलाते रहना, जप मुद्रा हैं।
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जप मुद्रा
सुपरिणाम
चक्र- विशुद्धि एवं आज्ञा चक्र तत्त्व- वायु एवं आकाश तत्त्व केन्द्रविशुद्धि एवं ज्योति केन्द्र ग्रन्थि- थायरॉइड, पेराथायरॉइड एवं पीयूष ग्रन्थि विशेष प्रभावित अंग- कान, नाक, गला, मुँह, स्वर यंत्र, निचला मस्तिष्क एवं स्नायु तंत्र।