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226... हिन्दू मुद्राओं की उपयोगिता चिकित्सा एवं साधना के संदर्भ में 3. धूप मुद्रा
मध्यमा और अनामिका के मध्य पर्यों में धूप रखकर अंगूठे के अग्रभाग से निवेदित करना, धूप मुद्रा है।
धूप मुद्रा
सुपरिणाम
चक्र- मूलाधार एवं स्वाधिष्ठान चक्र तत्त्व- पृथ्वी एवं जल तत्त्व केन्द्र- शक्ति एवं स्वास्थ्य केन्द्र प्रन्थि- प्रजनन ग्रन्थि विशेष प्रभावित अंगमेरूदण्ड, गुर्दे, पाँव, मल-मूत्र अंग एवं प्रजनन अंग।