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पूजोपासना आदि में प्रचलित मुद्राओं की प्रयोग विधियाँ ..
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नौवीं मातृका न्यास मुद्रा
खड़े होकर दायीं कनिष्ठिका और अनामिका से पीठ का स्पर्श करना, मातृका न्यास की नौवीं मुद्रा है।
नौवीं मुद्रा
सुपरिणाम
चक्र - मूलाधार एवं अनाहत चक्र तत्त्व- पृथ्वी एवं वायु तत्त्व केन्द्रशक्ति एवं आनंद केन्द्र ग्रन्थि - प्रजनन एवं थायमस ग्रन्थि विशेष प्रभावित अंग- मेरूदण्ड, गुर्दे, हृदय, फेफड़ें, भुजाएँ एवं रक्त संचरण तंत्र।