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पूजोपासना आदि में प्रचलित मुद्राओं की प्रयोग विधियाँ ...205 तीसरी मातृका न्यास मुद्रा ___ खड़े होकर दायें हाथ की सम्पूर्ण संधियों से मस्तक एवं होठ का स्पर्श करना, मातृका न्यास की तीसरी मुद्रा है।
तृतीय मुद्रा
सुपरिणाम
चक्र-सहस्रार एवं मणिपुर चक्र तत्त्व- आकाश एवं अग्नि तत्त्व केन्द्रज्ञान एवं तैजस केन्द्र ग्रन्थि- पिनियल, एड्रीनल एवं पैन्क्रियाज ग्रन्थि विशेष प्रभावित अंग- ऊपरी मस्तिष्क, आँख, पाचन संस्थान, यकृत, तिल्ली, आँतें एवं नाड़ी तंत्र।