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________________ 134... हिन्दू मुद्राओं की उपयोगिता चिकित्सा एवं साधना के संदर्भ में 2. सम्पुट मुद्रा सम्पुट शब्द अनेक अर्थों का सूचक है। यहाँ दर्शाए चित्र के अनुसार एक प्रकार का पात्र, जिसमें कुछ भरने के लिए रिक्त जगह हो वह सम्पुट कहलाता है। सम्पुट का मध्य भाग फूला हुआ एवं खाली रहता है। इस मुद्रा में हथेलियों का मध्य भाग फूला हुआ है अतः इसका नाम सम्पुट मुद्रा है। यह मुद्रा यौगिक परम्परा में भक्तों एवं अनुयायियों के द्वारा धारण की जाती है। यह गायत्री जाप से पूर्व की जाने वाली 24 मुद्राओं में से एक है। यह रोगशमन में उपयोगी है। विधि सम्पुट मुद्रा हथेलियाँ हृदय के अग्रभाग पर रहें, अंगुलियाँ बाहर की तरफ फैली हुई हल्की सी मुड़ी हुई रहें तथा अंगुलियों के अग्रभाग और हथेलियों की एडियों को स्पर्शित करने से जो मुद्रा निष्पन्न होती है उसे सम्पुट मुद्रा कहते हैं । यह मुद्रा नमस्कार मुद्रा के समान है मात्र अंगुलियों की दिशा भिन्न है ।
SR No.006255
Book TitleHindu Mudrao Ki Upayogita Chikitsa Aur Sadhna Ke Sandarbh Me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages394
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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