________________
विषयानुक्रमणिका
1-29
अध्याय-1 : मुद्राओं से प्रभावित सप्त चक्र आदि के
विशिष्ट प्रभाव अध्याय-2 : विधिमार्गप्रपा में निर्दिष्ट मुद्राओं का
सोद्देश्य स्वरूप एवं उसके विभिन्न प्रभाव
30-191 शरीर, स्थान एवं वातावरण की शुद्धि हेतु प्रयुक्त मुद्राएँ- 1. नाराच मुद्रा 2. कुम्भ मुद्रा।
हृदय, मस्तक, शरीर आदि की शुद्धि एवं सुरक्षा हेतु प्रयुक्त मुद्राएँ3. हृदय मुद्रा 4. शिरो मुद्रा 5. शिखा मुद्रा 6. कवच मुद्रा 7. क्षुर मुद्रा 8. अस्त्र मुद्रा
सम्यक्त्वी देवी-देवताओं के आह्वान आदि में प्रयुक्त मुद्राएँ9. महा मुद्रा 10. सुरभि मुद्रा 11. आवाहनी मुद्रा 12. स्थापनी मुद्रा 13. संनिधानी मुद्रा 14. निष्ठुर मुद्रा 15. आवाहन मुद्रा 16. स्थापन मुद्रा 17. निरोध मुद्रा 18. अवगुण्ठन मुद्रा
जयादि देवताओं की पूजा करने में प्रयुक्त मुद्राएँ-19. गोवृष मुद्रा 20. त्रासनी मुद्रा 21. पाश मुद्रा 22. अंकुश मुद्रा 23. ध्वज मुद्रा 24. वरद मुद्रा।
सोलह विद्यादेवियों की पूजा में उपयोगी मुद्राएँ- 25. शंख मुद्रा 26. शक्ति मुद्रा 27. श्रृंखला मुद्रा 28. वज्र मुद्रा 29. चक्र मुद्रा 30. पद्म मुद्रा 31. गदा मुद्रा 32. घण्टा मुद्रा 33. कमण्डलु मुद्रा 34. परशु मुद्रा (प्रथम) 35. परशु मुद्रा (द्वितीय) 36. वृक्ष मुद्रा 37. सर्प मुद्रा 38. खड्ग मुद्रा 39. ज्वलन मुद्रा 40. श्रीमणि मुद्रा।