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230... जैन मुद्रा योग की वैज्ञानिक एवं आधुनिक समीक्षा
मोक्ष कल्पलता मुद्रा-2
करवाती है तथा सांसारिक (भौतिक) इच्छाओं एवं छल-कपट आदि से सदैव बचाती है।
एड्रीनल, पैन्क्रियाज एवं प्रजनन ग्रंथि के स्राव को नियंत्रित करने हेतु यह मुद्रा तनाव मुक्ति आदि का विकास करती है। कामेच्छाओं का नियंत्रण करती है तथा स्वर आदि की समस्या का शमन करती है।
इसके अभ्यास से शरीर की प्राणवान ऊर्जा जो नीचे की ओर प्रवाहित हो रही है, उसका ऊर्वीकरण होता है।
साधना विकास में सहयोगी कुण्डलिनी शक्ति ऊर्ध्वाभिमुख हो ऊपर की ओर प्रयाण करती है।