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विषयानुक्रमणिका अध्याय-1 : मुद्राओं से प्रभावित सप्त चक्र आदि के विशिष्ट प्रभाव
1-29 1. सप्त चक्रों पर मुद्रा के प्रभाव 2. ग्रन्थि तन्त्रों पर मुद्रा के प्रभाव 3. चैतन्य केन्द्रों पर मुद्रा के प्रभाव 4. पाँच तत्त्वों पर मुद्रा के प्रभाव 5. मुद्रा प्रयोग के नियमोपनियम। अध्याय-2 : भरतमुनि रचित नाट्यशास्त्र की मुद्राओं का
स्वरूप, प्रयोजन एवं उसके लाभ 30-162 असंयुक्त हस्त मुद्राएँ- 1. पताका मुद्रा 2. त्रिपताका मुद्रा 3. कर्तरीमुख मुद्रा 4. अर्धचन्द्र मुद्रा 5. अराल मुद्रा 6. शुकतुण्ड मुद्रा 7. मुष्टि मुद्रा 8. शिखर मुद्रा 9. कपित्थ मुद्रा 10. कटकामुख मुद्रा 11. सूच्यास्य मुद्रा 12. पद्मकोश मुद्रा 13. सर्पशीर्ष मुद्रा 14. मृगशीर्ष मुद्रा 15. लांगुल मुद्रा 16. अलपद्म मुद्रा 17. चतुर मुद्रा 18. भ्रमर मुद्रा 19. हंसास्य मुद्रा 20. हंसपक्ष मुद्रा 21. सन्दंश मुद्रा 22. मुकुल मुद्रा 23. ऊर्णनाभ मुद्रा 24. ताम्रचूड़ मुद्रा।
संयुक्त हस्त मुद्राएँ- 1. अंजलि मुद्रा 2. कपोत मुद्रा 3. कर्कट मुद्रा 4. स्वस्तिक मुद्रा 5. खटका वर्धमान मुद्रा 6. उत्संग मुद्रा 7. निषेध मुद्रा 8. डोल मुद्रा 9. पुष्पपुट मुद्रा 10. मकर मुद्रा 11. गजदन्त मुद्रा 12. अवहित मुद्रा 13. वर्धमान मुद्रा।
नृतहस्त मुद्राएँ- 1. चतुरस्र मुद्रा 2. उवृत्त मुद्रा 3. तलमुख मुद्रा 4. स्वस्तिक मुद्रा 5. विप्रकीर्ण मुद्रा 6. अराल मुद्रा 7. खटका मुद्रा 8. आविद्ध वक्र मुद्रा 9. सूचीमुख मुद्रा 10. रेचित मुद्रा 11. अर्धरचिता मुद्रा 12. उत्तानवंचित मुद्रा 13. पल्लव मुद्रा 14. नितम्ब मुद्रा 15. केशबंध मुद्रा 16. लताहस्त मुद्रा 17. करिहस्त/गजहस्त मुद्रा 18. पक्ष वंचित मुद्रा