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विनयार्पण
जिनके मन, वचन और कर्म में
सत्य का तेज आप्लावित है।
जिनके आचार, विचार और व्यवहार में
जिनके
जिन वाणी का सार समाहित है।
जिनके कथन, वर्तन और चिंतन में
अनुभव का नवनीत है।
कुम्हार वत अनुशासन में
अखिल विश्व का हित हैं । ।
ऐसे
शासन के सरताज,
अध्यात्म के आगाज,
जन-मन की आवाज,
गच्छ प्रवर्त्तक समस्त आचार्य भगवन्तों के पाद प्रसूनों में सश्रद्धा, सविनय, सभक्ति सादर समर्पित