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नाम
माता-पिता
जन्म
दीक्षा
दीक्षा नाम
दीक्षा गुरु
शिक्षा गुरु
अध्ययन
विशिष्टता
विधि संशोधिका का अणु परिचय
तपाराधना
डॉ. साध्वी सौम्यगुणा श्रीजी (D.Lit.)
: नारंगी उर्फ निशा
: विमलादेवी केसरीचंद छाजेड
: श्रावण वदि अष्टमी, सन् 1971 गढ़ सिवाना
: वैशाख सुदी छट्ट, सन् 1983, गढ़ सिवाना : सौम्यगुणाश्री
: प्रवर्त्तिनी महोदया प. पू. सज्जनमणि श्रीजी म. सा.
रचित, अनुवादित : तीर्थंकर चरित्र, सद्ज्ञानसुधा, मणिमंथन, अनुवाद-विधिमार्गप्रपा, पर्युषण एवं सम्पादित प्रवचन, तत्वज्ञान प्रवेशिका, सज्जन गीत गुंजन (भाग : १-२)
साहित्य
विचरण
: संघरला प. पू. शशिप्रभा श्रीजी म. सा.
: जैन दर्शन में आचार्य, विधिमार्गप्रपा ग्रन्थ पर Ph.D. कल्पसूत्र, उत्तराध्ययन सूत्र, नंदीसूत्र आदि आगम कंठस्थ, हिन्दी, संस्कृत, प्राकृत, गुजराती, राजस्थानी भाषाओं का सम्यक् ज्ञान ।
: राजस्थान, गुजरात, बंगाल, बिहार, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, थलीप्रदेश, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, महाराष्ट्र,
मालवा, मेवाड़ ।
: सौम्य स्वभावी, मितभाषी, कोकिल कंठी, सरस्वती की कृपापात्री, स्वाध्याय निमग्ना, गुरु निश्रारत ।
: श्रेणीतप, मासक्षमण, चत्तारि अट्ठ दस दोय, ग्यारह, अट्ठाई बीसस्थानक, नवपद ओली, वर्धमान ओली, पखवासा, डेढ़ मासी, दो मासी आदि अनेक
तप ।