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प्रतिष्ठा विधि का मौलिक विवेचन ...!xill 22. छोटिका प्रदर्शन क्यों आवश्यक है? 23. दिगबंधन एवं कवच निर्माण क्यों किया जाता है? 24. प्रतिष्ठा के पश्चात लवणोत्तारण क्यों 25. प्रतिष्ठा विधानों में असंयमी देवों का आह्वान और पूजन क्यों? 26. भूतबलि का प्रक्षेपण क्यों? 27. श्मशान भूमि में भोजन दान की परम्परा कब से और क्यों? 28. रक्षा पोटली क्यों बांधनी चाहिए 29. घण्टा नाद क्यों करना चाहिए? 30. शंख ध्वनि से वातावरण कैसे प्रभावित होता है? 31. बलिप्रक्षेपण क्यों और किसे? 32. सफेद सरसों की पोटली का उपयोग क्यों? 33. मीढ़ल और मरडाशिंग हाथ में क्यों बांधे? 34. नूतन बिम्बों पर सप्तधान्य का प्रक्षेपण किस अभिप्राय से किया जाता है? 35. प्रतिष्ठा के पश्चात अट्ठाई महोत्सव क्यों? 36. मूलनायक भगवान की गादी के नीचे स्वर्ण या चाँदी का कूर्म किस प्रयोजन से रखा जाता है? 37. क्षेत्रपाल आदि देवों की स्थापना डाभ में ही क्यों की जाती है? 38. कुंभस्थापना आदि का विसर्जन क्यों आवश्यक है? 39. प्रतिष्ठा विधान में कुंभ आदि की स्थापना क्यों करनी चाहिए? 40. मांगलिक कार्यों में सुहागिन स्त्रियों को शुभ मानने का प्रयोजन? 41. धर्म आराधना हेतु अखण्ड वस्त्रों का विधान किसलिए? 42. मांगलिक अनुष्ठानों में लड्डु चढ़ाने की परम्परा क्यों? 43. महापूजन आदि में उपयोगी सामग्रियों का महत्त्व। अध्याय-15 : प्रतिष्ठा सम्बन्धी विधि-विधानों का ऐतिहासिक एवं आधुनिक परिशीलन
556-590 1. वर्तमान में उपलब्ध श्वेताम्बर प्रतिष्ठा कल्पों का एक समीक्षात्मक अध्ययन 2. प्राचीन और अर्वाचीन प्रतिष्ठा ग्रन्थों एवं विधियों का ऐतिहासिक एवं तुलनात्मक अध्ययन 3. आधुनिक प्रतिष्ठा सम्बन्धी विधि-विधानों के आधार ग्रन्थ एवं उनका समालोचनात्मक अध्ययन 4. पूर्वकालीन प्रतिष्ठाओं और उसके फल के विषय में लौकिक कल्पनाएँ 5. विधिकारकों एवं स्नात्रकारों से कुछ निवेदन 6. प्रतिष्ठा विधियों में क्रान्तिकारी परिवर्तन कब से और कैसे? 7. आज के कतिपय अनभिज्ञ प्रतिष्ठाचार्य 8. प्रतिमाओं में कला प्रवेश क्यों नहीं होता? 9. प्रतिष्ठाचार्य और स्नात्रकार 10. प्रतिष्ठाचार्य, स्नात्रकार और प्रतिमागत गुण दोष।