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________________ 352... प्रतिष्ठा विधि का मौलिक विवेचन • इस तरह चलते हुए गाँव के बाहर उद्यान आदि पवित्र स्थान पर आयें। वहाँ सविधि स्नात्र पूजा करें। भूमि पूजन आदि के मंत्र सर्वप्रथम निम्न मंत्र सात बार कहकर भूमि शुद्ध करें ॐ ही क्षाँ सर्वोपद्रवाद् रक्ष रक्ष स्वाहा। निम्न मंत्र को सात बार कहकर वास एवं पुष्प से भूमि पूजा करें ॐ भूतश्री भूतधात्रि विश्वाधारे नमः। फिर निम्न मंत्र सात बार कहकर पीठिका स्थापन हेतु भूमि शुद्धि करें ॐ ह्रीं श्रीं अर्हत् पीठाय नमः। फिर निम्न मंत्र तीन बार बोलकर बाजोठ (चौकी) की स्थापना करें ॐ स्थिराय शाश्वताय निश्चलाय पीठाय नमः। फिर निम्न मंत्र से जल शुद्धि करें ॐ आपोऽप्काया एकेन्द्रिया जीवा निरवद्यार्हत्पूजायां निर्व्यथाः सन्तु, निष्पापाः सन्तु सद्गतयः सन्तु, न मेऽस्तु संघट्टनहिंसापापमहंदर्चने स्वाहा। नवग्रह पूजा- तदनन्तर अंजलि के मध्य में वासचूर्ण ग्रहण कर निम्न मंत्र कहते हुए नवग्रह पट्ट का पूजन करें। यदि पट्ट न हो तो जिनबिम्ब को जिस पट्ट पर आसीन किया है उसकी पूजा करें ॐ सूर्यसोमाङ्गारकबुधगुरुशुक्रशनेश्चरराहु केतु प्रमुखाग्रहा इह जिनपादाने समायान्तु, पूजां प्रतीछन्तु। • फिर निम्न मंत्र कहते हुए नवग्रह पट्ट की अष्ट द्रव्य से पूजा करें1. आचमनमस्तु 2. गन्धोऽस्तु 3. पुष्पमस्तु 4. अक्षतोऽस्तु 5. फलमस्तु 6. नैवेद्यमस्तु 7. धूपोऽस्तु 8. दीपोऽस्तु। • फिर हाथ में पुष्प लेकर निम्न मंत्र कहते हुए ग्रहों के ऊपर चढ़ायें__ॐ सूर्य सोमाङ्गारक बुध गुरु शुक्र शनैश्चर राहु केतु प्रमुखा ग्रहाः सुपूजिताः सन्तु, सुग्रहाः सन्तु, पुष्टिदाः सन्तु, तुष्टिदाः सन्तु, मङ्गलदाः सन्तु, महोत्सवदाः सन्तु। दिक्पाल पूजा- तत्पश्चात नवग्रह की भाँति दश दिक्पाल पट्ट की पूजा करें। • सर्वप्रथम निम्न मंत्र कहते हुए वासचूर्ण चढ़ायें
SR No.006251
Book TitlePratishtha Vidhi Ka Maulik Vivechan Adhunik Sandarbh Me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages752
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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