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प्रतिष्ठा उपयोगी विधियों का प्रचलित स्वरूप ...323
क्षेत्रपाल स्थापना विधि प्रतिष्ठा, महापूजन आदि शुभ अवसरों पर क्षेत्रपाल स्थापना इस प्रकार करें
• पूजा में भाग लेने वाले प्रत्येक का तिलक करके पुरुष के दाहिने एवं महिला के बाएं हाथ में मीढ़ल बाँधे।
• फिर लकड़ी के चोरस बाजोठ के ऊपर लाल वस्त्र बाँधकर उसके ऊपर घृत युक्त अक्षत का स्वस्तिक करें। फिर उसके ऊपर चाँदी का बरख लगायें। बाजोठ के आगे के भाग में मींढल आ सके उस रीति से ग्रीवा सूत्र बाँधे।
• तत्पश्चात बाजोठ या सामान्य पट्ट पर सुपारी, पंचरत्न की पोटली और सवा रूपया रखें। . . फिर कुंभ के समीप में भूमि पर कुंकुम का साथिया और उसके ऊपर अक्षत का साथिया करके सुपारी रखें। फिर उसके ऊपर पंचरत्न सहित बाजोठ रखें, जिससे अखंड दीपक की ज्योत क्षेत्रपाल के दाहिनी तरफ रहें।
• तदनन्तर एक गीले श्रीफल के ऊपर घी लगाकर चाँदी का बरख लगायें। उसके ऊपर केसर से स्वस्तिक करें। फिर उसके ऊपर स्वर्ण बादला डालें।
.फिर उस श्रीफल को हाथ में लें और निम्न मंत्र बोलकर पुन: पट्टे के ऊपर स्थापित करें।
मंत्र- ॐ र्ती क्षीं हूं क्षौँ क्षः क्षेत्रपालाय नमः स्वाहा • उसके पश्चात गुरु भगवन्त उक्त मंत्र बोलकर वासचूर्ण डालें।
• तत्पश्चात निम्न मंत्र बोलते हुए श्रावक के द्वारा केसर, सिन्दूर, चमेली का तेल, लाल जासुद का पुष्प, अक्षत, धूप, दीप से क्षेत्रपाल का पूजन करवायें.. ॐ ह्रीं क्षां क्षेत्रपालं गन्धाक्षतजलपुष्पतैल सिन्दुरैः दीपधूपोधैः पूजयामीति स्वाहा।
।। इति क्षेत्रपाल स्थापना विधि ।।
___ मंडप निर्माण विधि निर्वाणकलिका के अनुसार मण्डप निर्माण की विधि इस प्रकार है
जिस दिन प्रतिष्ठा कर्ता श्री संघ अथवा वैयक्तिक गृहस्थ के नाम से चन्द्रबल आता हो उस दिन शुभ मुहूर्त और शुभ लग्न में प्रतिष्ठा मण्डप