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जिनमन्दिर निर्माण की शास्त्रोक्त विधि ...169
62. प्रासाद मंडन, 6/27 63. वही, 6/28 64. वही, 6/29 65. वही, 6/30 66. वही, 6/34 67. वही, 6/31-32 68. वही, 6/35-46 69. वही, 6/45-46 70. शिल्प रत्नाकर, 7/106-107 71. तिलकसागरश्चाद्यो, गौरीतिलकरूद्रकौ । श्रीतिलको हरिश्चैव, लक्ष्मीभूतिलको तथा ।
रंभातिलक इन्द्रश्च, मंदिरो हेमवांस्तथा ।
कैलासतिलक: पृथ्वी, तिलकश्च त्रयोदशः ॥ त्रिभुवनेन्द्रनीलौ च, सर्वांगतिलकस्तथा। सुरवल्लभनामा च, सिंहश्च मकरध्वजः ॥
मंगलस्तिलकाक्षश्च, पद्मकः सोमकस्तथा ।
विजयतिलकश्चैव, त्रैलोक्यतिलकस्तथा ।। पंचविंश इमे प्रोक्ताः, प्रासादास्तिलकाभिधाः । तिलकसागरनाम्ना, प्रसिद्धा भुवनोत्तमाः ॥
शिल्प रत्नाकर, 7/7-11 72. सिरिविजय महापउमो, नंदावत्तो अ लच्छि तिलओ अ। नरवेय कमल हंसो, कुंजरपासाय सत्त जिणे ॥
वास्तुसार प्रकरण, 3/5 73. (क) वास्तुसार प्रकरण, पृ. 103
(ख) देव शिल्प, पृ. 427-461
(ग) शिल्प रत्नाकर, 8/12-24 74. शिल्प रत्नाकर, 2/11-14 75. वही, 2/15-17 76. वही, 2/18-20