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118... प्रतिष्ठा विधि का मौलिक विवेचन
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मानस्तम्भ
2. मान स्तम्भ की ऊँचाई का माप मूलनायक प्रतिमा के परिमाण से बारह __गुने के बराबर होना चाहिए। 3. मान स्तम्भ वृत्ताकार, चतुरस्र अथवा अष्टास्त्र होना चाहिए। 4. ऊपर निर्मित मन्दिरनुमा गुमटी में चार जिन प्रतिमाएँ मूलनायक प्रभु के
नाम से एक ही नाप की स्थापित करें। चारों जिन प्रतिमाएँ या तो एक
ही पत्थर से निर्मित हों अथवा चार पृथक्-पृथक् हों। . 5. मान स्तम्भ के ऊपर शिखर एवं कलश का निर्माण करना चाहिए। 6. मानस्तम्भ में निर्मित जिनालय वर्गाकार ही होना चाहिए। 7. मानस्तम्भ के नीचे के भाग में तीन कटनियां बनाना चाहिए। प्रथम
कटनी में तीर्थंकर की माता के सोलह स्वप्न चित्रित करें। द्वितीय कटनी में अष्ट प्रातिहार्यों का चित्रण करें। तृतीय कटनी में चारों ओर चार जिन