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________________ 334... पूजा विधि के रहस्यों की मूल्यवत्ता - मनोविज्ञान एवं अध्यात्म... 117. ज्ञानपीठ पूजांजलि, पृ. 282-283 118. तत्राष्टकपर्यन्तं, प्रपूजय निरंतरं । पूजाद्रव्यैर्जगत्सारैष्टभदै जलादिकैः । तच्चन्दन सुगन्धं वस्त्रजो व्याधिहरा: स्फुटम् । प्रत्यहं भक्त्या । श्रीपाल चरित्र, उद्धृत-जैन धर्म और जिन प्रतिमा पूजन रहस्य, पृ. 99 119. षट्कर्मोपदेशमाला, गा. 1-2 120. षट्विधपूजा प्रकरण, गा. 1-2 121. वही, 1-2 122. वही, गा. 1-18, उद्धृत-जैन धर्म और जिन प्रतिमा पूजन रहस्य, पृ. 100-104 123. चैत्यप्रदेश गंधमाल्य-धूपादि मोषण.... अशुभस्य नाम्न आस्रव: तत्त्वार्थ राजवार्तिक , 6/22/4 124. वसुनन्दी जिनसंहिता, वही 125. जिनस्तवनं जिनस्नानं, जिनपूजा जिनोत्सवं । कुर्वाणो भक्तिती लक्ष्मी, लभते याचितां जन ।। उद्धृत- जैन धर्म और जिन प्रतिमा पूजन रहस्य, पृ. 105 126. ज्ञानपीठ पूजांजलि, शांतिपाठ पृ. 85 127. वही, स्वयंभूस्तोत्र, पृ. 295
SR No.006250
Book TitlePuja Vidhi Ke Rahasyo Ki Mulyavatta
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages476
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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