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जिनपूजा - एक क्रमिक एवं वैज्ञानिक अनुष्ठान स्थान ...47 पुष्प आदि शुद्ध एवं पवित्र होने चाहिए।
पूजा उपकरणों की शुद्धि के विषय में निम्न तथ्य मननीय हैं
• जिनपूजा हेतु उपयोगी सामग्री उत्तम Quality वाली एवं स्वद्रव्य से अर्जित होनी चाहिए।
• घर से ले जाने योग्य सामग्री भी शुद्ध रीति से जयणापूर्वक निर्मित एवं पूर्ण शुद्धता के साथ तैयार करनी चाहिए।
• पूजन में उपयोगी कलश, थाली, कटोरी आदि स्वसामर्थ्य अनुसार सोने-चाँदी आदि के बनवाने चाहिए।
• पूजा में उपयोगी पानी जीवजंतु रहित, पवित्र भूमि से निकाला हुआ, विश्वसनीय व्यक्ति द्वारा लाया हुआ एवं छाना हुआ होना चाहिए।
.. उत्तम Quality का सुगन्धित चंदन एवं केसर आदि प्रयोग करना चाहिए। Synthetic केसर या हल्की-भारी Quality का मिश्रण नहीं करना चाहिए।
• परमात्मा को चढ़ाने हेतु लाए गए पुष्प शुद्ध, ताजे, ऋतुबद्ध एवं जीवजंतु रहित होने चाहिए।
• धूप पूजा करने हेतु सुगंधित पदार्थों से निर्मित दशांग धूप आदि का प्रयोग करना चाहिए। लकड़ी वाली अगरबत्ती का उपयोग नहीं करना चाहिए।
• प्रक्षाल हेतु गाय, भैंस आदि का शुद्ध दूध एवं उनका शुद्ध घी दीपक जलाने हेतु उपयोग में लेना चाहिए।
• इसी प्रकार फल-फूल आदि भी उत्तम कोटि के दाग आदि से रहित होने चाहिए।
. नैवेद्य आदि का निर्माण घर के बने हए शद्ध घी से करना चाहिए।
• बाजार आदि से लाए अशुद्ध या बासी द्रव्य का उपयोग जिनपूजा में नहीं करना चाहिए।
• मन्दिर के बर्तनों की सफाई, गिनती आदि का भी पूर्ण ध्यान रखना चाहिए।
इस प्रकार मन्दिर एवं जिनपूजा सम्बन्धी उपकरणों की शुद्धता का भी उत्कृष्ट पूजा में परम स्थान है क्योंकि उपकरण एवं सामग्री जितने अच्छे होते हैं, परमात्मा भक्ति के भाव उतने ही उत्कृष्ट आते हैं।