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82... प्रतिक्रमण एक रहस्यमयी योग साधना
9. मन्दाक्रान्ता छंद
10. स्रग्धरा छंद
11. शार्दूल विक्रीडित छंद
श्री संसारदावा सूत्र गा. नं. 3, बृहत् शांति स्तोत्र गा. नं. 1
12. औपच्छन्दसिक छंद
13. वंशस्थ छंद
14. पादा कुलक छंद 15. अडिल्ल छंद
16. चोपाई छंद
17. मालिनी छंद
श्री संसारदावा सूत्र गा. नं. 4, स्नातस्या ० स्तुति गा. नं. 3-4
श्री पुक्खरवरदी सूत्र गा. नं. 4, स्नातस्या. स्तुति गा. नं. 1-2, श्री सकलार्हत स्तोत्र
29,32,33
श्री नमोऽस्तु सूत्र गा. नं. 2
विशाल लोचन सूत्र गा. नं. 2
श्री नमोऽस्तु सूत्र गा. नं. 3, विशाल लोचन सूत्र गा. नं. 3
श्री चउक्साय सूत्र गा. नं. 1
श्री चउक्साय सूत्र गा. नं. 2
श्री सकल तीर्थ सूत्र गा. नं. 1-15
श्री सकल कुशल वल्ली, श्री सकलार्हत स्तोत्र गा. नं. 30
18. श्री अजित शांति स्तव में अनेक छन्द हैं उनके नाम प्रबोध टीका से
जानना चाहिए।
19. गद्यात्मक सूत्र
श्री खमासमण, इच्छकार, अब्भुट्ठिओ, ईरियावहियं, तस्स उत्तरी, अन्नत्थ, करेमि भंते, नमुत्थुणं, नमोऽर्हत, अरिहंत चेईयाणं, वेयावच्चगराणं, सव्वस्सवि, इच्छामि ठामि, सुगुरु वांदणा, सात लाख, अठारह पापस्थान, ज्ञान-दर्शन-चरित्र ।
कौनसा सूत्र किस मुद्रा में और क्यों?
1. नमस्कार महामंत्र - यह सूत्र नमस्कार मुद्रा में बोला जाता है क्योंकि इस मुद्रा से हृदय में विनम्रभाव और लघुता प्रकट होती है जो सच्ची प्रार्थना एवं उसकी अच्छी फलश्रुति पाने के लिए परम आवश्यक है।
2. पंचिंदिय सूत्र - यह सूत्र किसी वस्तु को रखने या स्थापित करने की