SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 352
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 294...षडावश्यक की उपादेयता भौतिक एवं आध्यात्मिक सन्दर्भ में • कायोत्सर्ग वह औषध है जो आध्यात्मिक घावों को साफ कर देता है और संयम रूपी शरीर को अक्षत बनाकर परिपुष्ट करता है। कायोत्सर्ग एक प्रकार का प्रायश्चित्त है, जो संयमी-जीवन को शुद्ध-विशुद्ध-परिशुद्ध बनाता है। __ आवश्यकनियुक्ति में कायोत्सर्ग के पाँच लाभ बताये गये हैं1. देहजाड्यशुद्धि- श्लेष्म आदि दोषों के क्षीण होने से देह की जड़ता नष्ट होती है। 2. मतिजाड्यशुद्धि- कायोत्सर्ग से मन की प्रवृत्ति केन्द्रित होने से चित्त एकाग्र होता है, जागरूकता बढ़ती है। जागरूकता के कारण बुद्धि की जड़ता नष्ट होती है। 3. सुख-दुःख तितिक्षा- सुख-दुःख को सहन करने की शक्ति का विकास होता है। 4. अनुप्रेक्षा- स्थिर भावनाओं से मन को भावित करने का अवसर प्राप्त होता है। 5. एकाग्रता- एकाग्रचित्त से शुभध्यान का सहज अभ्यास हो जाता है।77 दिगम्बर परम्परा के मूलाचार में कायोत्सर्ग का प्रत्यक्ष फल बताते हुए कहा गया है कि कायोत्सर्ग में हलन-चलन रहित शरीर के स्थिर होने से जैसे शरीर के अवयव भिद जाते हैं वैसे ही कायोत्सर्ग के द्वारा कर्मरज आत्मा से पृथक् हो जाते हैं।78 __ आवश्यकचूर्णि के अनुसार चारित्र आदि की विशुद्धि के द्वारा पापकर्म को नष्ट करने के लिए कायोत्सर्ग किया जाता है।79 चूर्णिकार जिनदासगणि कहते हैं कि शारीरिक व्रण (द्रव्य व्रण) की चिकित्सा औषधि आदि से की जाती है, जबकि भावव्रण (व्रतादि के दूषण) की चिकित्सा प्रायश्चित्त से होती है। प्रायश्चित्त कायोत्सर्ग पर अवलम्बित है अत: साधक को चित्तविशुद्धि के लिए कायोत्सर्ग से चिकित्सा करनी चाहिए।80 विविध दृष्टियों से कायोत्सर्ग आवश्यक की उपादेयता ___ काय संबंधी ममत्व, मोह, राग, सुखशीलता का त्याग करना कायोत्सर्ग है। कायोत्सर्ग द्वारा शरीर के ममत्वादि का त्याग करने से मन स्थिर हो जाता है। मानसिक स्थिरता से ध्यान साधना सुचारू रूप से होती है। समस्त शरीर को
SR No.006248
Book TitleShadavashyak Ki Upadeyta
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy