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भारतीय परम्पराओं में प्रचलित व्रतों ( तपों) का सामान्य स्वरूप...199
2. कृष्ण जन्माष्टमी - भाद्र कृष्णा अष्टमी के दिन भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। उसी के निमित्त इस दिन उपवास, जागरण आदि सत्कर्म किये जाते हैं।
3. गोगा नवमी - भाद्र कृष्णा नवमी के इस दिन बाबा जाहइवीर गोगाजी की पूजा की जाती है।
4. गोवत्स द्वादशी - भाद्र कृष्णा बारस के दिन गाय और बछड़ों के पूजन का यह त्यौहार है। यह व्रत पुत्र होने के पश्चात् बच्चे की जीवन रक्षा तथा उसे भूत-प्रेतादि प्रकोप से बचाये रखने हेतु करते हैं।
5. गणेश चतुर्थी - भाद्र शुक्ला चतुर्थी के दिन गणेश जी का जन्म हुआ था। गणेश को विघ्नहरण एवं मंगलकरण रूपै माना है। इसी के साथ इनका पूजन ऋद्धि-सिद्धि, विद्या-बुद्धि के लिए किया जाता है।
इनके अतिरिक्त इस महीने में कुशोत्पाटनी अमावस्या, हरतालिका तीज, बूढ़ी तीज, गूगा पंचमी, हल षष्ठी, अजा एकादशी, दुबड़ी सातम, राधा जन्माष्टमी, वामन द्वादशी, अनन्त चतुर्दशी, महालक्ष्मी व्रत, ऋषि पंचमी आदि कई व्रत किये जाते हैं। आश्विन मास के व्रत ___1. पितृ पक्ष - आश्विन कृष्णा प्रतिपदा से अमावस्या तक पन्द्रह दिन पितृ पक्ष के नाम से प्रसिद्ध है। इन दिनों लोग अपने पितरों को जल देते हैं तथा उनकी मृत्यु तिथि पर श्राद्ध करते हैं।
2. जीवत्पुत्रिका व्रत - आश्विन कृष्णा अष्टमी को पुत्र की दीर्घायु कामना, आरोग्य लाभ एवं सर्वविध कल्याण के लिए यह व्रत किया जाता है।
3. शारदीय नवरात्र - आश्विन शुक्ला प्रतिपदा से नवमी तिथि तक नवरात्र व्रत किया जाता है। इस शारदीय नवरात्र में शक्ति की उपासना होती है। कुछ लोग एक भुक्त तो कुछ सर्वथा अन्न त्याग कर व्रत करते हैं। __ इस माह में विजयादशमी, कोजागर व्रत (शरद पूर्णिमा), मातृनवमी, आशा-भगौती व्रत, अशोक व्रत, दुर्गाष्टमी, पापांकुशा एकादशी, पद्मनाभ द्वादशी, वाराह चतुर्दशी आदि व्रताराधनाएँ भी की जाती हैं।