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तप साधना विधि का प्रासंगिक अनुशीलन आगमों से अब तक ...xxi
विदुषी आर्या रत्ना सौम्यगुणा श्रीजी ने जैन विधि विधानों पर विविध पक्षीय बृहद शोध कार्य संपन्न किया है। चार भागों में विभाजित एवं 23 खण्डों में वर्गीकत यह विशाल कार्य निःसंदेह अनुमोदनीय, प्रशंसनीय एवं अभिनंदनीय है।
शासन देव से प्रार्थना है कि उनकी बौद्धिक क्षमता में दिन दूगुनी रात चौगुनी वृद्धि हो। ज्ञानावरणीय कर्म का क्षयोपशम ज्ञान गुण की वृद्धि के साथ आत्म ज्ञान प्राप्ति में सहायक बनें।
यह शोध ग्रन्थ ज्ञान पिपासुओं की पिपासा को शान्त करे, यही मनोहर अभिलाषा।
महत्तरा मनोहर श्री चरणरज
प्रवर्तिनी कीर्तिप्रभा श्रीजी दूध को दही में परिवर्तित ___ करना सरल है। जामन डालिए
और दही तैयार हो जाता है। किन्तु, दही से मक्खन निकालना
कठिन है। इसके लिए दही को मथना पड़ता है। तब कहीं
जाकर मक्खन प्राप्त होता है। इसी प्रकार अध्ययन एक अपेक्षा से सरल है, किन्तु तुलनात्मक अध्ययन कठिन है। इसके लिए कई शास्त्री को
मथना पड़ता है। साध्वी सौम्यगुणा श्री ने जैन विधि-विधानों पर रचित साहित्य का मंथन करके एक सुंदर चिंतन प्रस्तुत करने का जो प्रयास किया है वह अत्यंत अनुमोदनीय एवं
प्रशंसनीय है।