SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 283
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भिक्षाचर्या का ऐतिहासिक एवं तुलनात्मक अनुसंधान ... 219 संन्यासी 8 ग्रास, वानप्रस्थी 16 ग्रास, गृहस्थी 32 ग्रास और ब्रह्मचारी इच्छानुसार खायें।62 यतिधर्मसंग्रह में भिक्षा प्राप्त भोजन पाँच प्रकार का बतलाया गया है1. माधुकर जिस प्रकार मधुमक्खी विभिन्न प्रकार के पुष्पों से मधु एकत्र करती है उसी प्रकार तीन, पाँच या सात घरों से भिक्षा प्राप्त करना माधुकर है। 2. प्राक्प्रणीत - शयन स्थान से उठने के पूर्व ही भक्तों द्वारा निवेदित भोजन स्वीकार करना प्राक्प्रणीत है। 3. अयाचित - भिक्षाटन हेतु प्रस्थित होने के पूर्व किसी के द्वारा निमन्त्रित आहार लेना अयाचित है। 4. तात्कालिक - गृहस्थ के घर प्रविष्ट होते ही ब्राह्मण द्वारा भोजन करने की सूचना देना तात्कालिक है। 5. उपपन्न- शिष्यों या अन्य लोगों के द्वारा मठ में लाया गया भोजन स्वीकार करना उपपन्न है। 63 - निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि हिन्दू परम्परा में भिक्षाचर्या को दैनिक चर्या के रूप में स्वीकारा गया है। इसी के साथ संन्यासी को एक बार भोजन करना, मद्य मांस आदि का भक्षण नहीं करना, नाना घरों से भिक्षा प्राप्त करना, परिमित भोजन करना, ज्योतिष आदि विद्याओं का प्रदर्शन न करते हुए भोजन की याचना करना, माधुकरी भिक्षा ग्रहण करना आदि कई नियम जैन धर्म के समान ही कहे गये हैं। इस प्रकार जैन एवं वैदिक दोनों की भिक्षा विधि में कुछ साम्य है। सन्दर्भ - सूची 1. सूत्रकृतांगसूत्र, 2/6/796 2. समवायो, 230/1-2 3. अन्तकृतदशा (अंगसुत्ताणि), 6/15/81 4. समवायो, समवाय- 49,64,81, 100 5. स्थानांगसूत्र, 7/13 6. संखडिं-संखडिं पडियाए अभिसंधारेमाणे आहाकम्मियं वा, उद्देसियं वा, कीयगडं वा, पामिच्चं वा, अच्छेज्जं वा, अणिसिद्धं वा, अभिहडं मीसजायं वा, वा, आहट्टु दिज्जमाणं भुंजेज्जा । आचारचूला, 1/2/29 7. सूत्रकृतांगसूत्र (अंगसुत्ताणि-2), 2/1/65 8. स्थानांगसूत्र (अंगसुत्ताणि-भा. 1), 9/62
SR No.006243
Book TitleJain Muni Ki Aahar Samhita Ka Sarvangin Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages328
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy