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विहारचर्या सम्बन्धी विधि- नियम... 339
6. अणिएयवासो समुदाणचरिया, अण्णायउंछं पतिरिक्कयाय । अप्पोवधी कलहविवज्जणा य, विहारचरिया इसिणं पसत्था ॥
7. व्यवहारभाष्य, 995-997, 1010, 1011
8. मूलाचार, 4/148 की टीका
9. बृहत्कल्पभाष्य, 691-693
10. वही, 5823-5825 वृत्ति
11. निशीथभाष्य, संपा. अमरमुनि, 1054
12. दशवैकालिक चूलिका, 2/11
13. प्रवचनसारोद्धार- सानुवाद, गा. 772
14. बृहत्कल्पभाष्य, 1226-1230, 1234 1235 15. वही, 1239-1240
16. भगवती आराधना, 148, 147, 146, 144
27. पंचवस्तुक, गा. 900-901
28. प्रवचनसारोद्धार, गा. 772
17. मूलाचार, 9/806, 800, 802
18. आचारांगसूत्र, संपा. मधुकरमुनि, नौवाँ अध्ययन
19. वही, 2/3/1
20. वही, 2/3/1/64-68
21. ज्ञाताधर्मकथा, 1/5/70
22. बृहत्कल्पसूत्र, संपा. मधुकर मुनि, 1/37,44
23. बृहत्कल्पभाष्य, 1545-1546, 2901-2904
24. व्यवहारभाष्य, 1025-1026, 1740-1741
25. निशीथभाष्य, 1045
26. ओघनियुक्ति, गा. 119-120
दशवैकालिक चूलिका, 2/5
29. आचारदिनकर, पृ. 129 30. स्थानांगसूत्र, 8/1
31. दशवैकालिकसूत्र, चूलिका, गा. 2/10 32. मूलाचार का समीक्षात्मक अध्ययन, पृ. 297