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________________ 102...जैन मुनि की आचार संहिता का सर्वाङ्गीण अध्ययन 32. प्रवचनसारोद्धार वृत्ति, पृ. 192 33. उत्तराध्ययनसूत्र, दूसरा अध्ययन 34. समवायांग, सम. 22/150 35. उत्तराध्ययन, दूसरा अध्ययन 36. प्रवचनसारोद्धार, 86/685-686 37. तत्त्वार्थसूत्र, 9/8 38. नवतत्त्वप्रकरण, 29-28 39. समवायांग टीका, सम. 22 40. तत्त्वार्थसूत्र, 9/8 41. प्रवचनसारोद्धार, 86/686 42. मनुस्मृति, 6/23 43. सुत्तनिपात अट्ठकथा, भा. 1, उरगवग्ग पृ. 11 44. अणायारो अकरणीयं वत्)। दशवैकालिक अगस्त्यचूर्णि, पृ. 193 45. अणायारो उम्मग्गोत्ति वुत्तं भवइ। दशवैकालिक जिनदासचूर्णि, पृ. 285 46. अनाचारं सावद्ययोगम्। दशवैकालिक हारिभद्रीय वृत्ति, पृ. 233 47. दशवैकालिकसूत्र, संपा. मधुकरमुनि, 3/2-9 48. दशवैकालिक अगस्त्यचूर्णि, पृ. 60-62 49. दशवैकालिकसूत्र, संपा. मधुकरमुनि, पृ. 32 50. दशवैकालिकसूत्र, 6/7 51. वही, 6/8-25 52. वही, 6/26-45 53. वही, 6/46-49 54. 'दशवैकालिकचूर्णि, पृ. 226 55. दशवैकालिकसूत्र, 6/50-52 56. वही, 6/53-55 57. वही, 6/56-59 58. वही, 6/60-62 59. वही, 6/63-66
SR No.006242
Book TitleJain Muni Ki Aachar Samhita Ka Sarvangin Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & D000
File Size32 MB
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